उसी को ध्यान में रखते हुए हमें अपने आप को परिस्थितियों के अनुरूप बदल लेना चाहिए जिस से हम उस बदलब का हिस्सा बन सके आज का युग आधुनिक एवं तकनीकी साधनो का युग है यदि हम इस आधुनिक युग का हिस्सा बनना चाहते है तो हमें शिक्षा पर जोर देना पड़ेगा | और साथ ही शिक्षा के प्रति जागरूकता दिखानी पड़ेगी
इस में कोई संदेह नहीं है की शिक्षा एक मात्र ऐसा साधन है जिससे हमें परिवार में प्यार समाज में सम्मान एवं क्षेत्र में नाम की प्राप्ति होती है बिना शिक्षा के परिवार एवं समाज का निर्माण नहीं किया जा सकता है
स्वदेस पूज्यते राजा विव्दान सर्वत्र पूज्यते अर्थात – राजा हो तो अपने राज्य में पूजा जाता है पर विद्वानको सभी जगह पूजा जाता है
इस लिए हमें विद्वान वनाना चाहिए राजा की चाहत नहीं रखनी चाहिए
यह एक मात्र मेरी सोच थी की एक ऐसे विद्यालय की स्थापना की जाये जो की वच्चो के उज्जल भविष्य के लिए विभिन्न प्रकार के अवसर प्रदान करा सके और मेने इस सोच की स्थापना २०११ में अपने क्षेत्र में की | इस सोच का नाम प्रधान पब्लिक स्कूल रखा गया | जो की दिन प्रति दिन सफलता की ओर अग्रिम हो रहा है इस विद्यालय को आपका सहयोग एवं अपर प्रेम मिला
हमरे बच्चो के उज्जल भविष्य के लिए उच्चतम शिक्षा एवं उत्तम भविष्य की अपार समभावनए प्रदान कर सके और हर एक शिक्षा का साधन कराये जो बड़े बड़े शहरो में कराये जाते है
मै विशेष रूप से विद्यालय निदेशक एवं समस्त शिक्षण गण का आभार व्यक्त कर और साथ ही यह कामना करता हु हर समय वेहतर शिक्षा प्रदान कराये |